आ लौट के आजा मेरे मीत - रानी रूपमती (1957)

आ लौट के आजा मेरे मीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
मेरा सूना पड़ा रे संगीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं

बरसे गगन मेरे, बरसे नयन
देखो तरसे है मन, अब तो आजा
शीतल पवन ये लगाये अगन
हो सजन अब तो मुखड़ा दिखा जा
तूने भली रे निभायी प्रीत
तुझे मेरे गीत...

इक पल है हँसना, इक पल है रोना
कैसा है जीवन का खेला
इक पल है मिलना, इक पल बिछुड़ना
दुनिया है दो दिन का मेला
ये घडी न जाए बीत
तुझे मेरे गीत...

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