जाने क्या ढूँढता है ये मेरा दिल : अक्स

जाने क्या ढूँढता है ये मेरा दिल
तुझको क्या चाहिए ज़िन्दगी
रास्ते ही रास्ते हैं, कैसा है ये सफ़र
ढूँढती हैं जिसको नज़रें, जाने है वो किधर
जाने क्या ढूँढता है...

बेचेहरा सा कोई, सपना है वो
कहीं नहीं है फिर भी, अपना है वो
ऐसे मेरे अन्दर शामिल है वो
मैं हूँ बहता दरिया, साहिल है वो
है कहाँ वो, वो किधर है, रास्ते कुछ तो बता
कौन सा उसका नगर है, रहगुज़र कुछ तो बता
ढूँढती हैं जिसको नज़रें, जाने है वो किधर
जाने क्या ढूँढता है...

सूना सा है मंदिर, मूरत नहीं
खाली है आईना, सूरत नहीं
जीने का जीवन में, कारण तो हो
महके कैसे कलियाँ, गुलशन तो हो
शम्मा है जो मुझमें रौशन, वो विरासत किसको दूं
दूर तक कोई नहीं है, अपनी चाहत किसको दूं
ढूँढती हैं जिसको नज़रें, जाने है वो किधर
जाने क्या ढूँढता है...

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