इश्क भी किया रे मौला : जिस्म 2

इश्क भी किया रे मौला
दर्द भी दिया रे मौला
यूँ तो खुश रहा मगर
कुछ रह गया बाकी
फक्र भी किया है मौला
इल्म भी लिया रे मौला
ज़िन्दगी जिया मगर
कुछ रह गया बाकी

तू नहीं दिखा रे मौला
सब नहीं बिका रे मौला
और जहाँ रुका वहाँ पे
जाम है खाली

चाह की कमी में तू है
आँख की नमी में तू है
आंसूं में तू प्यास में तू
सांस में तू
बेवजह हंसी में तू है
जो दिखे उसी में तू है
अश्क में तू, रश्क में तू
जान में तू
इश्क भी किया...

ज़ीस्त की सच्चाईयों से
रूह की गहराईयों से
रात की तन्हाइयों से
तू गुज़र ज़रा...

No comments:

Post a Comment

Google Analytics Alternative