कैसी ये जुदाई है : जन्नत - 2



कैसी  ये  जुदाई  है, आँख  भर  मेरी  आई  है
मेरा  दिल  डूब  रहा , इसे  बस  अब  डूबने  दो
ये  पहली  बार  हुआ , ये  क्यों  एहसास  हुआ
मेरा  दिल  अब  टूट  रहा , इसे  बस  अब  टूटने  दो ….

मुझे  बस  अब  रोने  दो ,इस  गम  को  बहने  दो
ये  साथ  जो  टूट  रहा , इसे  आज  बस  छूटने  दो
कैसी  ये  जुदाई  है, आँख  भर  मेरी  आई  है
मेरा  दिल  डूब  रहा , इसे  बस  अब  डूबने  दो

एक  बात  सताती  है , जब  तेरी  याद  आती  है
क्यों  मुझसे  रूठ  गया , जाने  क्यों  दूर  गया
ये  पहली  बार  हुआ , ये  क्यों  एहसास  हुआ
जाने  अनजाने  क्यू …मुझे  तुमसे  प्यार  हुआ
हँसते  हँसते  रोता  हु , रोते  रोते  हँसता  हूँ
फिर  खुद  से  कहता  हूँ …जो  होना  था …हूँ  ही  गया 

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