ये प्यार कैसे होता है: मोहब्बते



इक लड़की थी दीवानी सी इक लड़के पे वो मरती थी
नज़रें झुका के शरमा के गलियों से गुजरती थी
चोरी चोरी चुपके चुपके चिट्ठियां लिखा करती थी
कुछ कहना था शायद उसको जाने किससे डरती थी
जब भी मिलती थी मुझसे मुझसे पूछा करती थी
प्यार कैसे होता है ये प्यार कैसे होता है
और मैं सिर्फ़ ये ही कह पाता था
आँखें खुली या हों बंद दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा प्यार कैसे होता है
हे आँखें खुली या हों बंद ...
तु रु रु रु रु रु रु रु
तु रु रु रु रु रु
आज ही यारों किसी पे मर के देखेंगे हम
प्यार होता है ये कैसे करके देखेंगे हम
किसी की यादों में खोए हुए
ख्वाबों को हमने सजा लिया
किसी की बाहों में सोए हुए
अपना उसे बना लिया
ऐ यार प्यार में कोई ना जागता ना सोता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा ...
क्या है ये जादू है कोई बस जो चल जाता है
तोड़के पहरे हज़ारों दिल से निकल जाता है
दूर कहीं आसमानों पर होते हैं ये सारे फ़ैसले
कौन जाने कोई हमसफ़र कब कैसे कहाँ मिले
जो नाम दिल पे हो लिखा इकरार उसी से होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा ...

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