रब्बा मैं तो मर गया ओये :मौसम


कोई दिल बेकाबू कर गया
 और इश्काँ दिल में भर गया
 भर गया…… भर गया……

 कोई दिल बेकाबू कर गया
 और इश्काँ दिल में भर गया
 आँखों आँखों में वो लाखों गल्लां कर गया ओये.
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये.
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये...
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.


 अब दिल चाहे ख़ामोशी के होठों पे मैं लिख दूं
 प्यारी सी बातें कई.
 हो, कुछ पल मेरे नाम करे वो, मैं भी उसके नाम पे
 लिखूं मुलाकातें कई.
 हो, पहली ही तकनी में बन गयी जान पे
 नैना वैना उसके मेरे दिल पे छपे
 अब जाऊं कहाँ पे, दिल रुका है वहाँ पे
 जहां देख के मुझे वो आगे बढ़ गया ओये
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये.
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये...
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.


 मौसम के आज़ाद परिंदे, हाथों में है उसके
 या वो बहारों सी है.
 सर्दी की वो धुप के जैसी, गर्मी की शाम है
 पहली फुहारों सी है.
 मेरे प्यार का मौसम भी है, लगे मेरी महरम भी है.
 मेरे प्यार का मौसम भी है, लगे मेरी महरम भी है.
 जाने क्या क्या दो आँखों में मैं पढ़ गया ओये
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये.
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये...
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.


 कोई दिल बेकाबू कर गया
 और इश्काँ दिल में भर गया
 आँखों आँखों में वो लाखों गल्लां कर गया ओये.
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये.
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.
 हो रब्बा मैं तो मर गया ओये...
 शदायी मुझे कर गया कर गया ओये.

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