चाहत
मैं तो बस तेरी चाहत मेंचाहूं रहना सदा
मैं तो बस तेरी कुर्बत में
चाहूं रहना सदा
साया भी तेरा मैं होने ना दूं जुदा
मैंने तय कर लिया
तेरे इश्क पे , तेरे वक़्त पे
बस हक है इक मेरा
तेरी रूह पे , तेरे जिस्म पे
बस हक है इक मेरा
बस हक है इक मेरा
बस हक है इक मेरा
यादों में तुझको रखूं
बातें भी तेरी करून
इतना दीवाना हूँ तेरा
हो हो रातों में जागा करून
दिन भर भटकता रहूँ
मैं तो यहाँ से बस वहाँ
तेरे इश्क पे , तेरे वक़्त पे
बस हक है इक मेरा
तेरी रूह पे , तेरे जिस्म पे
बस हक है इक मेरा बस हक है इक मेरा
बस हक है इक मेरा
मैं तो बस तेरी चाहत में
चाहूं रहना सदा
मैं तो बस तेरी कुर्बत में
चाहूं रहना सदा
साया भी तेरा मैं होने ना दूं जुदा
मैंने तय कर लिया